Faraz Love Shayari Collection

अहमद फराज की प्यार भरी शायरी

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Koyi Muntazir Hai Uska Kitni Shiddat Se Faraz,
Woh Janta Hai Par Anjaan Bana Rehta Hai.
कोई मुन्तजिर है उसका कितनी शिद्दत से फ़राज़,
वो जानता है पर अनजान बना रहता है।

Hum Apni Rooh Tere Jism Mein Hi Chhor Aaye Faraz,
Tujhe Gale Se Lagana Toh Bas Ek Bahana Tha.
हम अपनी रूह तेरे जिस्म में ही छोड़ आये फ़राज़,
तुझसे गले लगाना तो बस एक बहाना था।

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Kyu Ulajhta Rehta Hai Tu Logon Se Faraaz,
Yeh Jaroori Toh Nahi Woh Chehra Sabhi Ko Pyara Lage.
क्यों उलझता रहता है तू लोगों से फ़राज़,
ये जरूरी तो नहीं वो चेहरा सभी को प्यारा लगे।

Yeh Wafa Toh Uss Waqt Ki Baat Hai Faraz,
Jab Makaan Kachche Aur Log Sachche Hua Karte The.
ये वफ़ा तो उस वक्त की बात है ऐ फ़राज़,
जब मकान कच्चे और लोग सच्चे हुआ करते थे।

Woh Meri Pehli Mohabbat Woh Meri Pehli Shikast,
Phir Toh Paimaane-Wafa Sau Martaba Maine Piya.
वो मेरी पहली मोहब्बत वो मेरी पहली शिकस्त,
फिर तो पैमाने-वफ़ा सौ मर्तबा मैंने किया।

Love Shayari, Zamaane Ki Nigahon Mein

Love Shayari, Kinara Kaun Karta Hai

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